साकांक्ष होउ, अधिकार भेटत @ Republicday Jhanki - मिथिमीडिया


मैथिली उपेक्षित अछि...मिथिलाक लोक सेरायल रक्तक अछि...मैथिल अपने मे लड़ि-कटि जायत. ई सभ एहन बात अछि जे बाहरक लोक अपना सभक विषय मे सोचैत अछि. एक बेर अपने सभ सोचबै त' ई बात सभ सत्त लागत.
असल मे जखन कोनो डेग बढ़यबाक रहैत अछि त' मिथिलाक लोक चूरा दही खयबा मे आ गोसाओनिक घर मे गोर लगबा मे लागि जाइत अछि आ तावत दरबज्जाक आगां सं बस निकलि जाइत छैक. फेर नियार होमय लगैत छैक जे की करू? जतरा क' लेने छी आ आब अंगना कोना जायब? आ जओं अंगना जाइत छी आ जात्रा पर नहि निकलब त' फेर काल्हि सं  भदबा पड़तैक आ आठ दिन बादे फेर जतरा करब संभव होयत. अउ महराज...आबहु चेतू. एकैसम शताब्दिक दोसर दशक बीति रहल छैक. महराजी गेलैक किदन लेबय...जागू  आ भागू. अहांक देश दूगो आन बैसि बांटि लेलक...अहाँ लेल धनि...केदन-कहांदन लूटि-कूटि खेलक तइयो  धनि. अहांक निनिया केर कारणें अहांक कें केओ आओर अरिया लेलक तइयो कोनो फिकिर नहि. आब अहांक भाखा, संस्कृति, सभ्यता अपन मौलिकता गमओलक आ अस्तित्व लेल झखइए...आबहु जओं सुतले रहब त' निन्न टुटबहु करत त' फेर अपन पएर पर ठाढ़ होयबा योग्य शक्ति नहि बचत.

  



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